जानवर त मेह्णु अन्तर यक खास फरक असा। जानवर कदि सोच न सकते पर मेह्णु सोच सकता। से न कि सिर्फ अपु पुराणि बोक सोचता, पर भविष्य बारे बि सोचता। मेह्णु दिले दुनिआ अन्तर न कि सिर्फ मेह्णु बोक कते बल्कि जानवर, बुटे त घोड़, सोब बोक कइ सकते। तसे दिले दुनिआ अन्तर सोब कुछ भुई सकतु। असंभव कुछ बि नेई।
एस सोच पुठ बणो सी हें कति कथा त घीत। कथा त घीत मेह्णु जिन्देगी अन्तर खास महत्व रखते। से जिन्देगी अन्तर रस भरते त सुआ चिजे बारे बि बतान्ते। कथा सोबि ट्यारि भुन्ति। स्याणे मेह्णु त गभूर सोब एसे बोलि मज्जा नेन्ते। कथा अन्तर अस अपु मने सोच बताई सकते। जे चीज असी असंभव लगति, जे असी अपु टीरे बोलि कदि न काउ, जेठ अस कदि न घेई सकते, जे अस कदि न कइ सकते, से सोब अस कथा त घीत अन्तर कइ सकते। कथा त घीत असी सपणे दुनिआ अन्तर नेन्ते त अजब अजब चीजे हरालते त शिचालते बि।
ए किताब कुछ इं कथाई जे बणो असी। हें उम्मीद असी की एन्ही कथाई के बोलि तुस मज्जा नेन्ते त कुछ शिचते बि।
कोई बि सुझाव देण जे दुतो पता पुठ अस जे चिठ लंघाए।
विषय सूची
8. स्याणा जिम्मदार त तसे कुतर.. 21
12. माछि के पार्लामेन्ट..... 33
14. सोबि केआं सुखी मेहणु... 39