प्रांरभिक पंगवाड़ी व्याकरण पुस्तक
जो पंगवाड़ी भाषा के बारे में अधिक जानना चाहते है तथा जितने बी भाषाविद्द है उन सभी के लिए यह एक जरुरी पुस्तक है। इस से पेहले कभी भी, कोई भी पंगवाड़ी भाषा का व्याकरण नहीं लिखा। इस किताब को इन्डोक्टिब अप्रोच के तहत बनाया गया है। जिस में पेहले पंगवाड़ी के वर्णों के बारे में तथा उसके बाद शब्दों के बारे में और उसके बाद वाक्यों के बारे में लिखा गया है। यह किताब ज्यादातर पंगवाड़ी- किलाड़ी को आधार मानकर लिखा गया है। इस किताब को पढ़ने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर दबाएं।